मंगलवार, 16 मार्च 2010

तुझको मेरी जान कहीं देखा जरूर है


लड़का-
तुझको मेरी जान कहीं देखा जरूर है
               दिल का नहीं यह आँखों का कसूर है
आँखों के कसूर पे यह दिल मजबूर है
               तुझको मेरी जान कहीं देखा जरूर है

मैंने तुझको देखा पर तू चाहे ना देखे
            दिल फेंक दिया मैंने पर तू चाहे ना फेंके
देखो, नशा जवानी का चढ़ा भरपूर है।                
               तुझको मेरी जान कहीं देखा जरूर है। 
लड़की -
बातों ही बातों में ना मुझको बहलाओ
            दिल में तुम्हारे क्या है मुझको बतलाओ
तेरी पहुँच से प्यारे दिल्ली बड़ी दूर है
               तुझसा ना देखा कोई मस्ती में चूर है।
लड़का-
तुझको मेरी जान कहीं देखा जरूर है
              दिल का नहीं गोरी आँखों का कसूर है
आँखों के कसूर पे ये दिल मजबूर है
               तुझको मेरी जान कहीं देखा जरूर है। 

4 टिप्‍पणियां:

  1. पहले प्रेम जी सोनल फर्रुखाबादी का प्रणाम स्वीकार करे ....
    सुन्दर गीत

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  2. पहले प्रेम जी सोनल फर्रुखाबादी का प्रणाम स्वीकार करे ....
    सुन्दर गीत

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  3. बढ़िया!

    आप को नव विक्रम सम्वत्सर-२०६७ और चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ..

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  4. बहुत बढ़िया सम्वाद प्रस्तुत किये हैं आपने!

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