गुरुवार, 26 नवंबर 2009

जैसी मिले जिन्दगी, जीते चले जाएँ


इस गीत की रेकार्डिंग भी हो चुकी है
मन की जिन्दगी, किसको मिली यहाँ
जिसको मिली यहाँ,खुश वो भी नहीं यहाँ

जैसी मिले जिन्दगी, जीते चले जाएँ
कभी खुदका गम
कभी जग का गम
पीते चले जायें ...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ

एक नहीं कई एक मिलेंगे
दिल को दुखाने वाले
झुकने वाले नहीं मिलेंगे
मिलेंगे झुकाने वाले
चाक गरेबां हो जाए तो
सींते चले जायें...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ

साथ नहीं कोई देता है
देखो प्यारे यहाँ
कहने को सब साथी हैं
देखो सारे यहाँ
जितनी साँसे मिली हैं प्यारे
खींचे चले जायें...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ

उतना इकठ्ठा करो कि
जिससे जिन्दगी पलती रहे
प्यार- मोहब्बत से मिलके
जिन्दगी चलती रहे
रीते ही हम आये हैं
रीते चले जायें ...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले
जाएँ

9 टिप्‍पणियां:

  1. wah prem ji zindgi jeene ka kya naayaab falasfa hai, yahi to sachai hai.

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर गीत!!

    रिकार्डिंग के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  3. जिन्दगी के हर अंदाज को जीने का आपका काव्यात्मक अंदाज पसंद आया। बधाई।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  4. सुना भी दें तो और भी अच्छा लगेगा।
    अच्छा गीत।

    जवाब देंहटाएं
  5. साथ नहीं कोई देता है
    देखो प्यारे यहाँ
    कहने को सब साथी हैं
    देखो सारे यहाँ
    जितनी साँसे मिली हैं प्यारे
    खींचे चले जायें...
    जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ

    प्रेम जी बहुत सुंदर गीत ......!!

    रिकार्डिंग भी सुना देते .....!!

    जवाब देंहटाएं
  6. आपकी रची इस सुंदर रचना के लिए बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  7. कृपया इसकी आडियो फाइल भी पोस्ट के साथ लगा दें।
    ताकि हम भी सुन सकें।

    जवाब देंहटाएं
  8. bas behte chalo......... zindagi apne aap hi kisi na kisi khoobsoorat makaam par pahuncha degi !

    जवाब देंहटाएं