इस गीत की रेकार्डिंग भी हो चुकी है
मन की जिन्दगी, किसको मिली यहाँ
जिसको मिली यहाँ,खुश वो भी नहीं यहाँ
जैसी मिले जिन्दगी, जीते चले जाएँ
कभी खुदका गम
कभी जग का गम
पीते चले जायें ...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ
एक नहीं कई एक मिलेंगे
दिल को दुखाने वाले
झुकने वाले नहीं मिलेंगे
मिलेंगे झुकाने वाले
चाक गरेबां हो जाए तो
सींते चले जायें...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ
साथ नहीं कोई देता है
देखो प्यारे यहाँ
कहने को सब साथी हैं
देखो सारे यहाँ
जितनी साँसे मिली हैं प्यारे
खींचे चले जायें...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ
उतना इकठ्ठा करो कि
जिससे जिन्दगी पलती रहे
प्यार- मोहब्बत से मिलके
जिन्दगी चलती रहे
रीते ही हम आये हैं
रीते चले जायें ...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ
wah prem ji zindgi jeene ka kya naayaab falasfa hai, yahi to sachai hai.
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत!!
जवाब देंहटाएंरिकार्डिंग के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ.
जिन्दगी के हर अंदाज को जीने का आपका काव्यात्मक अंदाज पसंद आया। बधाई।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
सुना भी दें तो और भी अच्छा लगेगा।
जवाब देंहटाएंअच्छा गीत।
साथ नहीं कोई देता है
जवाब देंहटाएंदेखो प्यारे यहाँ
कहने को सब साथी हैं
देखो सारे यहाँ
जितनी साँसे मिली हैं प्यारे
खींचे चले जायें...
जैसी मिले जिन्दगी,जीते चले जाएँ
प्रेम जी बहुत सुंदर गीत ......!!
रिकार्डिंग भी सुना देते .....!!
आपकी रची इस सुंदर रचना के लिए बधाई ।
जवाब देंहटाएंApko is Sundar Rachna ke liye badhai.
जवाब देंहटाएंकृपया इसकी आडियो फाइल भी पोस्ट के साथ लगा दें।
जवाब देंहटाएंताकि हम भी सुन सकें।
bas behte chalo......... zindagi apne aap hi kisi na kisi khoobsoorat makaam par pahuncha degi !
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