तू जाता जहाँ जा दीवाने,
देख मुझे तू मत गा गाने
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने
अबला न समझ मुझे तू
अबला न समझ मुझे तू
तेरा तबला बजा दूँगी मैं
याद रखेगा सारी उमर,
याद रखेगा सारी उमर,
ऐसी तुझे सजा दूँगी मैं
भूल कर भी किसी को
भूल कर भी किसी को
छेड़ेगा न जाने अनजाने।
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने।
हरकतों से तेरी लग रहा,
हरकतों से तेरी लग रहा,
अच्छे घर का लगता नहीं
अगर होता तो इस तरह,
अगर होता तो इस तरह,
छेड़कानी तू करता नहीं
जा भाग यहाँ से नहीं तो
जा भाग यहाँ से नहीं तो
नहीं आयेगा कोई बचाने।
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने।
जवानी नहीं तेरे बस में,
जवानी नहीं तेरे बस में,
जा शादी किसी से कर ले
जा किसी का हो जा ना
जा किसी का हो जा ना
हमसफ़र उसको कर ले
गर दुबारा इधर आया तो,
गर दुबारा इधर आया तो,
सीधा पहुँचा दूँगी थाने।
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने।
हा हा हा ! नारियों को जागरूक करती रचना ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया है प्रेम भाई ।
बहुत मजेदार...हा..हा..हा.,.कभी 'शब्द-सृजन की ओर' पर भी आयें...
जवाब देंहटाएंदो मिनट का जवाब नहीं.......अति सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
अबला ना समझ तू मुझे, तेरा तबला बजा दूँगी मैं
जवाब देंहटाएंयाद रखेगा सारी उमर, ऐसी तुझको सजा दूँगी मैं ..
मजेदार .. आज की नारी होगी ...
वाह बहुत खूब ! लिखते रहें!
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