लड़का:
जब से तुम मेरी जिन्दगी में आये
मन मुस्कराए मेरा तन मुस्कराए।
जब से तुम मेरी...
लड़की:
तारीफ मेरी क्यों करते हो इतनी
इतनी नहीं तुम कहते हो जितनी
तारीफ मेरी क्यों...
लड़का:
जाने क्या जादू तुझमें है जाना
देखते देखते हुआ तेरा दीवाना
जितना देखूँ तुझे तू उतना लुभाए।
जब से तुम मेरी...
लड़की:
आता है तुमको खूब बातें बनना
बस भी करो क्या कहेगा जमाना
दिल में तुम्हारे मुहब्बत है कितनी।
तारीफ मेरी क्यों...
लड़का:
कहो सदा के लिए अपना बनालूँ
तुम मानो तो तुम्हारे घर को मनालूँ
तुम्हारे बिना जीना जीना नहीं हाये।
जब से तुम मेरी...
लड़का: लड़की:
भरोसे में लेके भरोसा न तोडना
देखो कभी मुझसे मुँह न मोड़ना
बनकर रहेंगे हम एक दूजे के साये।
जब से तुम मेरी...
Bahut maza aaya aapka samvaad padh kar ... achaa likha hai ..
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण प्रेम-गीत!... सुंदर रचना!
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावपूर्ण है।
जवाब देंहटाएंलडका और लड़की के मध्य संवादों में बड़ी जान है......वाह..वाह....|
जवाब देंहटाएंwah wah! kya baat hai!
जवाब देंहटाएंlog on http://doctornaresh.blogspot.com/
i just hope u will like it!
वाह एकदम नया प्रयोग!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना है प्रेम जी। पहली बार आपकी रचनाएं पढ़ रहा हूं, बस इतना ही कहूंगा की मन मोह लिया। सच मानिए मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा कि आप फरुखाबाद के हैं और मैं भी फरुखाबाद का। वास्तव में यह रचनाए बहुत खूबसूरत बन पड़ी हैं। आपको बहुत बहुत साधुवाद और बधाई।
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