गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

पाट बाबा की जय हो


जय हो,  जय हो, जय हो, पाटबाबा की जय हो
शरण में जो भी आये-2उसको न कोई भय हो।
जय हो,पाटबाबा की जय हो,जय हो। 

भक्तों की रक्षा करते हैं, प्यार उन्हें सच्चा करते हैं 
दुःख सारे ही हर लेते हैं,सुख सारे ही भर देते हैं 
बाबा की कृपा से भक्तो-2 जीवन यह सुखमय हो।
जय हो, पाटबाबा की जय हो, जय हो। 

बिगड़े काम बना देते हैं, उजड़े धाम बसा देते हैं 
जीने की राह दिखाते हैं, जीने की चाह जगाते हैं
मस्ती ही मस्ती के संग-2 जीवन सफ़र यह तय हो। 
जय हो, पाटबाबा की जय हो, जय हो। 

जीवन में शक्ति मिलती, जीवन में भक्ति मिलती
मुश्किल होती है आसान, खुदको मिलती है पहचान
भक्ति भावना के रस में-2 तन और मन एक लय हो।
जय हो, पाट बाबा की जय हो, जय हो।

8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह प्रेम भाई ।
    जय हो पाट बाबा की जय हो।

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  2. वाह!

    पाट बाबा की तस्वीर भी लगाते तो आनन्द आ जाता!

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  3. पाट बाबा के बारे में २-४ पंक्तियाँ लिख देते तो हमें समझने में आसानी होती.

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  4. भक्तों की रक्षा करते
    प्यार उन्हें सच्चा करते
    दुःख सारे ही हर लेते
    सुख सारे ही भर देते
    बाबा की किरपा से
    जीवन ये सुखमय हो ..

    जय हो बाबा जी की ... अच्छी रचना है गुरु चरणों में ......

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  5. जीवन में शक्ति मिलती
    जीवन में भक्ति मिलती
    हर मुश्किल होती आसान
    खुदको मिलती है पहचान
    भक्ति भावना के रस में
    तन और मन एक लय हो।
    Bahut sundar!

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