मंगलवार, 8 जनवरी 2013

रविवार, 10 अक्तूबर 2010

भरोसा कर देख लिया हर कोई झूठा है


भरोसा कर देख लिया हर कोई झूठा है।
            भरोसे में लेकर मुझे हर कोई लूटा है॥

लोग कहते हैं कुछ मगर करते हैं कुछ
           इसलिए हर किसी से हर कोई रूठा है।

देने की जगह सब लेने पर तुले हुए
          इसी वजह आज रिश्ता हर कोई टूटा है।

अच्छाई की जगह पर बुराई कायम हो गयी
          तभी तो अपनों से हर कोई छूटा है।

मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010

तेरी मेरी जोड़ी बड़ा खूब ही जमेगी


तेरी मेरी जोड़ी खूब ही जमेगी
      मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी 
जलती है दुनिया तो जलने दे 
    प्रीति परवान यह अपनी चढ़ेगी 
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेंगी

दुनिया से दूर नई दुनिया बसायेंगे
  तन मन की मीठी ज्योति जलाएंगे
वही करूँगा तू जो भी कहेगी।
         मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी

मरते-मरते प्रेमियों ने कहा है
       प्रीति बिना जीना जीना क्या है
प्रीति मिशाल ये अपनी बनेगी
         मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी

गुजरेंगे जब हम तुम जहाँ से
          चर्चायें होगी सबकी जुबाँ पे
दाँतों तले ऊँगली उनकी दबेगी 
         मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी

एक दूसरे के हम होकर रहेंगे
        एक दूसरे में हम खोकर रहेंगे
रोशन दोंनों की जिन्दगी रहेगी
        मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी




शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010

मेरी मुहब्बत ने मुझपे क़यामत ही ढाई है


मेरी मुहब्बत ने मुझपे क़यामत ऐसी ढ़ाई है। 
जहाँ भी जाऊँ मिले बस मेरी रुसबाई है॥

वो थे तो था साथ बहारों का मौसम 
        अब वो साथ नहीं साथ मेरी तन्हाई है।

पहले तो खुश किया फिर रुला दिया मुझे
    अब क्या कहूँ खुदा यह तो तेरी खुदाई है।

पा भी न सकूँ छोड़ भी न सकूँ उसे
    मुहब्बत भी तूने क्या खूब ही बनाई है।

सोमवार, 13 सितंबर 2010

बहुत कुछ दिया है, तुमने प्रभु


बहुत कुछ दिया तुमने प्रभु
     कैसे करूँ मैं शुक्रिया तुम्हारा।
जो भी दिया तूने दिया
     मेरा नहीं सब कुछ तुम्हारा।

भवसागर में था मैं उलझा
      तेरी शरण में आकर सुलझा
तेरी कृपा से पाया किनारा।
     कैसे करूँ मैं शुक्रिया तुम्हारा।

तुझसे ही प्रभु शाम-सवेरे
        जानूँ कितने रूप हैं तेरे
देखूँ जिधर उधर तेरा नज़ारा।
     कैसे करूँ मैं शुक्रिया तुम्हारा।

अपना तुझको जिसने भी बनाया
 उसका जीवन तुमने ही खिलाया
हो गये उसके जिसने पुकारा।
     कैसे करूँ मैं शुक्रिया तुम्हारा।

भक्ति में अपनी रमाये रखना
      कृपा की द्रष्टि बनाये रखना 
तेरा ही बस मुझको सहारा।
     कैसे करूँ मैं शुक्रिया तुम्हारा।



गुरुवार, 9 सितंबर 2010

मस्त हवाओ यह तो बताओ


मस्त हवाओ यह तो बताओ,
महबूब मेरा किस हाल में है।
छूकर उसके बदन को आओ,
महबूब मेरा, किस हाल में है। 
महबूब मेरा, किस हाल में है।

ऐ चाँद सुन, तुझे मेरी कसम,
देखता होगा, तू मेरा हमदम
खुद में ही मुझे उसे दिखाओ,
मस्त हवाओ यह तो बताओ
महबूब मेरा, किस हाल में है

तेरी खुदाई खुदा तू ही जाने,
आखिर करें क्या हम दीवाने
जल्दी से अब,मुझसे मिलाओ,
मस्त हवाओ,यह तो बताओ
महबूब मेरा, किस हाल में है।