रविवार, 5 जुलाई 2009

अगर तू आए तो आ जाए मौसम बहार का


अगर तू आए तो आ जा मौसम बहार का
    दिल ये मेरा बड़ा ही बेताब है तेरे दीदार का॥ 

हर तरह से देख लिया मैंने बहला कर दिल
    हाल फिर भी बेहतर हुआ तेरे बीमार का॥ 

भी जाओ न अब और देर न लगाइयेगा 
   कसम तुझको है मेरी वास्ता अपने प्यार का॥ 

यह दिल मेरा बेकाबू हुआ जाए तेरी चाह में
     हाय! काटे कटे पल-पल तेरे इंतज़ार का॥



शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

गरीबी नहीं मिट रही तो क्या गरीब तो मिट रहे हैं


गरीबी नहीं मिट रही तो क्या गरीब तो मिट रहे हैं।
         जो नहीं मिटे वो जिंदगी में जैसे तैसे घिसट रहे हैं॥

राज नेता जो कहते अक्सर वो किया नहीं करते
        मगर गरीबी पर बयान देकर वो हमेशा हिट रहे हैं॥

गरीबों पर रहम दिखाया गया पर किया नहीं गया
      सदियों से ही पिटते आए और आज भी पिट रहे हैं॥

कहना कुछ करना कुछ यही फंडा है राजनीति का
       नेता यही फंडा अपना कर मकसदों में फिट रहे हैं॥

मंगलवार, 30 जून 2009

अपने आप से अपना मुख क्यों मोड़ने लगे हो



अपने आपसे अपना मुख  क्यों  मोड़ने लगे हो।
दुनिया का दुःख  जीवन  में क्यों भोगने लगे हो॥ 

कम  से कम  जो  बोले  लगता  वही  है  प्यारा
यह  जान  कर  भी ज्यादा  क्यों  बोलने लगे हो॥

देखो रिश्तों को कभी भी गहराई से मत देखिए 
गहराई से देख के रिश्तों को क्यों तोड़ने लगे हो॥

ख़ुद ही इन्सां गिरता है  और  ख़ुद  ही उठता है
फ़िर दोष  दूसरों  पर  क्यों  भाई थोपने लगे हो॥

अपने ही हाथों  में  होता अपना  भाग्य बनाना
कहो फिर अपने आप को  क्यों  कोसने लगे हो॥

राज की बातें राज  बना  के रखना सीखो यारो
गैरों से अपनी बातों  को  क्यों  खोलने  लगे हो॥

नए मीत बने तो उनको भी  अपने गले लगाओ
नए की खातिर पुराने  को  क्यों  छोड़ने लगे हो॥

अगर  चाहने पर  भी  कोई  तुम  को नहीं चाहे 
भला ऐसे लोगों से खुदको  क्यों जोड़ने लगे हो॥

सोच समझ के ही हरदम अपना विवेक लगाओ
बिन सोचे समझे ही ख़ुदको क्यों झोंकने लगे हो॥ 










शनिवार, 27 जून 2009

दोस्तो दोस्ती का खूब मज़ा लीजिये



दोस्तो दोस्ती का खूब मज़ा लीजिये।
            एक प्यारा साथी कोई बना लीजिये॥ 

जो अपनी कहे और वो तुम्हारी सुने
            उस को दिल में अपने बसा लीजिये॥ 

काटे कटती नहीं यह तनहा जिंदगी
           दिल अपना किसी से मिला लीजिये॥ 

यूँ कोई किसी का जल्दी होता नहीं
            बात बनेगी दिल आगे बढा लीजिये॥ 

दो कदम पहले आगे बढाओ तो जरा
           फ़िर पता दीजिये और पता लीजिये॥ 

जिंदगी की खुशी तुम्हें मिल जायेगी
          प्यार से अपनी जिंदगी सजा लीजिये॥ 

शुक्रवार, 26 जून 2009

कर लो यकीं मुझ पर जानम


करलो यकीं मुझ पर जानम प्यार हमारा झूठा नहीं।
 इतना सताया तुमने फ़िर भी दिल हमारा टूटा नहीं॥

कसम तुम्हारी तुम क्या जानो कितना तुम को चाहें
 जिस पल याद नहीं आई ऐसा पल कोई छूटा नहीं॥

एक दिन आएगा जब तुम महसूस करोगी मुझको
  मुझे पता मेरा मुकद्दर अब तक मुझसे रूठा नहीं॥

जब तक साँस रहेगी मेरी तब तक तुमको चाहेंगे
  यूँ तो देखे हैं लाखों मगर तुझसा कोई सूझा नहीं॥

तुम हो मेरी पहली चाहत तुम को कैसे भूल जायें
  प्यार की तुम फुलवारी सिर्फ़ प्यार का बूटा नहीं॥

बुधवार, 24 जून 2009

हम रुसवा हो गए


उनकी झलक भी न मिली, हम रुसवा हो गए।
  खूब उड़ी मुहब्बत की खिल्ली, हम रुसवा हो गए॥ 

सोचा था जियेंगे मिल के मुहब्बत भरी जिंदगी 
    लग गयी ऐसी मुँह में चिल्ली, हम रुसवा हो गए॥ 

बड़ा अरमान था करूंगा देश सेवा नेता बन कर
       पहुँचे भी नहीं पाए दिल्ली, हम रुसवा हो गए॥ 

हौसला लेकर मैं उतरा था मुहब्बत की क्रिकेट में
      शुरूआत में ही उड़ गिल्ली, हम रुसवा हो गए॥ 

अपनी ही धुन में थे हम मस्त बेखबर दुनिया से
    जाने कहाँ से आ गई बिल्ली, हम रुसवा हो गए॥ 

दिल की बेचैनी को आख़िर कहाँ कहने जायें हम
   किसी तरह न मिली तसल्ली, हम रुसवा हो गए॥

मंगलवार, 23 जून 2009

परदेश से जब आयेंगे मेरे साजना



परदेश से जब आयेंगे मेरे साजना
           रूठ जाऊंगी करूँगी उनसे बात ना
जो भी कहो,कहूँगी,दूर से ही कहो
          रखने  दूँगी बदन पर उन्हें हाथ ना॥

पूछूँगी क्यों इतना तरसाया मुझे
               काहे पागल सजना बनाया मुझे
तुमने तो मुझको भुला ही दिया
               काहे सताया इतना रुलाया मुझे
आदतें ये तुम्हारी आयी रास ना॥ 

हाय तुम क्या जानो कैसे रही हूँ
               जीवित भी हूँ कि या मर गयी हूँ
तुम बड़े बेरहम हो बेदर्दी पिया
                बस मैं ही यह जानूँ जैसे रही हूँ 
लगता आयी तुम्हें मेरी याद ना॥ 


गुरुवार, 18 जून 2009

इंसानियत का फ़र्ज़ निभाते चलो


इंसानियत का फ़र्ज़ निभाते चलो।
        भटके हुओं को राह दिखाते चलो॥ 

धन दौलत कौन साथ लेकर गया
         ज्यादा हो गरीबों को उठाते चलो॥ 


दुबारा जीवन तो अब मिलना नहीं
        हो सके तो प्यारे मित्र बनाते चलो॥ 


रोते को हँसाना पुण्य से कम नहीं
         ऐसा पुण्य 
दिन-रात कमाते चलो॥ 


बुधवार, 10 जून 2009

नौकरी से छुट्टी ले आना बालमा


नौकरी से छुट्टी ले आना बालमा
        कर के कोई सा बहाना बालमा
         नौकरी से छुट्टी ले आना बालमा।  


नौकरी में तुम तो ऐसे डूबे
        हाय कैसे कहें हम कैसे ऊबे
ऐसा किस काम का है कमाना बालमा।

रूप और जवानी फ़िर न आए
       तुम को भला यह कौन बताये
देखो फ़िर न मिले यह खजाना बालमा।

गुजरूँ जिधर से हर कोई देखे
      अँखियों से दिल अपना वो फेके
   मेरे पीछे पड़ा है यह जमाना बालमा।


करवट बदल बदल कर जागूँ
       जल्दी से आओ तुमसे यह मांगू

 बीता जाए मौसम यह सुहाना बालमा।

फिसल न जाए कहीं पैर हमारो
जल्दी से आ के मुझको संभालो
  फ़िर दोषी न मुझको ठहराना बालमा।


सोमवार, 8 जून 2009

प्रभु मेरे तेरी जय जय कार


प्रभु मेरे तेरी जय-जयकार,
प्रभु मेरे तेरी जय-जयकार,
तेरी महिमा है अपरम्पार 
तेरी शरण में आकर पाया- 2
खुशियों का संसार
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार।

शरण तुम्हारी जबसे आया,
सचमुच ही मैंने जीवन पाया
फूल खिला मेरे जीवन का,
तूने सुन ली मेरी पुकार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार

विश्वास हमारा तुझमें हुआ है,
वास तुम्हारा मुझमें हुआ है 
परमानन्द मुझे मिलने लगा है,
हुआ जीवन मेरा साकार। 
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार

जीवन की मुझे राह दिखायी 
जीने की मुझमें चाह जगायी
मारे खुशी के गदगद हूँ,
आयी जीवन में मेरे बहार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार 

जीवन मेरा सफल हुआ है,
भक्ति में तेरी सबल हुआ है
थकता नहीं गुन गाकर तेरे, 
किया तूने मुझपे उपकार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार

ऐसे ही कृपा बनाये रखना,
राह यूँ ही दिखाये रखना 
रमा रहूँ तेरी भक्ति में, 
बना रहे तू जीवन आधार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार

कभी न छूटे संगत तेरी, 
पूरी हो हर मन्नत मेरी
सदा ही तेरा ध्यान धरूँगा,
मेरी विनती करो स्वीकार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार

बड़ी ही पावन तेरी भावना,
पूरी होने लगी है कामना
तेरी कृपा से उठने लगे,
मेरे मन में सुन्दर सुविचार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार 

दुख के बादल छटने लगे 
सुख के सागर भरने लगे
शैतानों ने कर रखा था , 
जीवन जीना मेरा दुश्वार।
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार 

तेरी महिमा का पार नहीं, 
तेरे जैसा कोई प्यार नहीं 
तेरी दया से मैं ही नहीं,
मेरा धन्य हुआ परिवार। 
प्रभु मेरे तेरी जय जयकार









शनिवार, 6 जून 2009

चालीस पार हो गए तो अखरस बतरस लीजिये


चालीस पार हो गए तो अखरस बतरस लीजिये।
         जियो और जीने दो जीवन का रस लीजिये।

गर जल्दी जाना हो तुम्हें यह दुनिया छोड़कर
    सुबह-शाम जब चाहे सिगरट का कस लीजिये।

जो जीने न दे तुमको किसी भी तरह से 
           फिर मत सोचो कैसे भी उसे डस लीजिये।

मोहब्बत से लोग जहाँ मिल जुल कर रहते हों
     उनके बीच जाकर प्यारे एक दम बस लीजिये।

जीवन की आपाधापी में क्यों आग बबूला होना 
         जो भी मन का मिले उसी संग हँस लीजिये।

गुरुवार, 4 जून 2009

नफ़रत करने की तो वो सारी हदें तोड़ दिए



नफ़रत करने की तो वो सारी हदें ही तोड़ दिए।
     अपना रुख मोड़ के मेरा जीवन ही मोड़ दिए॥ 

भूल कर भी कोई किसी का इतना बुरा न चाहे
    अपनों की खातिर अपनी आँख ही फोड़ लिए॥ 

ऐसे लोग जहाँ कहीं भी देखे मुझे समझ न आये 
 बड़े प्यार से मैंने उनसे अपने हाथ ही जोड़ लिए॥ 

सभी अपने मन के मिलें ऐसा हो ही नहीं सकता
 मन के तो मैंने अपनाए बे-मन के वहीं छोड़ दिए॥

सोमवार, 1 जून 2009

ईशु मसीह की प्रार्थना


ईशु मसीह की प्रार्थना 
मैंने बहुत पहले लिखी थी 
जो आपके सामने प्रस्तुत है।

यहोवा यहोवा यहोवा
           समाया तन-मन में तू यहोवा-2

तेरी व्यवस्था पे चल के
                 मेरा जीवन बदलने लगा है
टेड़ी मेढ़ी राहों से निकल के
                सीधी राहों पे चलने लगा है
सीधी राहों पे चलने लगा है
                        यहोवा यहोवा यहोवा
समाया तन-मन में तू यहोवा...

भरोसा किया मैंने तुझपे
                  किया जीवन ये तेरे हवाले
हजारों ही नहीं तूने लाखों
                  भक्तों के जीवन हैं संभाले
भक्तों के जीवन हैं संभाले
                        यहोवा यहोवा यहोवा
समाया तन-मन में तू यहोवा...

कर दो कृपा इतनी मुझपे
                      संगत न कभी तेरी छूटे
तेरा ही रिश्ता है सांचा
                  बाकी रिश्ते लगें सारे झूठे
बाकी लगें रिश्ते सारे झूठे
                        यहोवा यहोवा यहोवा
समाया तन-मन में तू यहोवा.. 

गुरुवार, 28 मई 2009

उसके प्यार का तम्बू ही उजड़ गया


उसके प्यार का तम्बू ही उजड़ गया।
तम्बू  ही नहीं बम्बू भी उखड गया॥

सदमा ए गम वो झेल नहीं पाया
उसका सारा हाल ही बिगड गया। 

कैसे लौट पायेगा अपने हाल में
दिल से उसका दिल ही हड़ गया।

कौन जाने अब क्या होगा आगे
हाल देख कर होश ही उड़ गया।

जीना चाहता था वो अपने ढंग से
मगर जीवन का रुख ही मुड़ गया।

लगे न प्रेम रोग कभी किसी को
बेचारा प्रेम चाह में ही कुड़ गया।

मंगलवार, 26 मई 2009

तन के रोगी मन के रोगी देखे गए



तन के रोगी मन के रोगी देखे गए।           
         प्यार में तड़पते हुए जोगी देखे गए॥ 

ओखली के अदंर पर चोट के बाहर
        बड़े ही चतुर जहाँ में भोगी देखे गए।

मतलब में तो मीठे पर वैसे हैं कडुए
          ढंग-ढंग के जहाँ में ढोंगी देखे गए।

आता जाता तो कुछ भी नहीं है 
          फिर भी फेंकते हुए पोंगी देखे गए

सोमवार, 25 मई 2009

दोस्ती से अच्छी लोग दुश्मनी निभा देते हैं


दोस्ती से अच्छी लोग दुश्मनी निभा देते हैं।
इंसानियत का गिरा हुआ रूप दिखा देते हैं॥ 

मुश्किल से बने है दुनिया में इज्जत यारो 
उसी इज्जत को लोग धूल में मिला देते हैं।

पहले दोस्त हुआ करता है कोई भी दुश्मन
दोस्त बनके दुश्मन जड़ से ही हिला देते हैं।

अगर आगे न निभे तो वहीं पर ही छोड़ दें
देवता बन कर क्यों राक्षस का सिला देते हैं।

रविवार, 24 मई 2009

आपको कभी दुखी होना नहीं चाहिए


आपको कभी दुखी होना नहीं चाहिए।
     आँसुओं में आँखें भिगोना नहीं चाहिए॥ 

फूलों की जगह भले कांटे मिलें
           मगर कांटे कभी बोना नहीं चाहिए। 

दुखों से हारिये मत जूझना सीखिए  
              हौसला टूटे तो रोना नहीं चाहिए। 

हर हालत में शान्ति बनाये रखें
            मन की शान्ति खोना नहीं चाहिए। 



मंगलवार, 19 मई 2009

जब तक न बुलाये कोई जाना नहीं चाहिए


जब तक न बुलाये कोई जाना नहीं चाहिए।
          जब तक न कहे कोई खाना नहीं चाहिए॥ 

कमजोरों को भी हक़ है दुनिया में जीने का
       कभी सितम उन पर कोई ढाना नहीं चाहिए। 

प्यार से मोहब्बत से लोग रहते हों जहाँ
       पुलिस का वहां पर कोई थाना नहीं चाहिए॥ 

सब कुछ कुर्बान कर देते लोग मोहब्बत में 
 पर कभी गलत फायदा कोई उठाना नहीं चाहिए॥ 

जिसे चाहो उसे माफ़ भी करते रहा करो यार 
  अपनों पर कभी कसना कोई ताना नहीं चाहिए। 

रविवार, 17 मई 2009

उसका आ के वापस जाना अच्छा नहीं लगता


उसका आ के वापस जाना अच्छा नहीं लगता।
 उसके बिना तो मौसम सुहाना अच्छा नहीं लगता॥

दर्द जुदाई का क्या समझेगा यह बेदर्द जमाना
     ऐसे में समझाना किसी का अच्छा नहीं लगता॥

जो होना था हुआ और कर भी क्या सकते हैं 
   चुप बैठ कर पछतावा करना अच्छा नहीं लगता॥ 

लाख कोशिशें की मैंने दिल को बहलाने की
    किसी तरह का कोई बहाना अच्छा नहीं लगता॥ 


 

रविवार, 10 मई 2009

सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है


माँ
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

सदा ही अपने बच्चों का रखती है वो ध्यान
जीती है वो देख देख कर उनकी मधुर मुस्कान
जहाँ भी होते उसके बच्चें वहाँ होती है।
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

बच्चों की खुशियों में ही वो समझे अपनी खुशी 
उनको दुःख में देख देख कर हो जाती है दुखी
बच्चों के संग धीरे ही धीरे रवाँ होती है।
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

बच्चों की मनोभावना

छोटू बोला लम्बू से
तू क्यों लंबा हो गया
बिजली का खम्बा हो गया। 

लम्बू बोला छोटू से
खूब खाना खा प्यारे
मुझसा लंबा हो जा रे। 

कभी नही जो रूठते
खाना खूब खाते हैं
मम्मी उनको प्यार करती
और पापा खूब घुमाते हैं।

मिलके करलो खुलके करलो साईं


मिलके करलो खुलके करलो साईं का गुनगान।
साईं का गुनगान करेगा हम सब का कल्याण॥

सुबह-शाम साईं की आरती उतार लो
आरती उतार अपनी जिंदगी संवार लो
मानो कहना नहीं तो वरना रहेंगे भटकते प्राण।

सच्चे मन से जो साईं दरबार में आया
जो भी कामना की वो उसने है  पाया
साईं कृपा से हो जाते है।  निर्धन भी धनवान।

भक्तों की सुनते मन की पुकार साईं
झोलियों में भरते अपना प्यार साईं
हर सुख का दाता है भक्तो साईं का एक ध्यान।

गुरुवार, 7 मई 2009

चाहने पर अक्सर किसी का मान नहीं होता


चाहने पर अक्सर किसी का मान नहीं होता।
दो दिन बाद कोई महमान महमान नहीं होता॥ 

बहुत पापड बेलने पड़ते हैं जिन्दगी में यारो
यूँ ही पूरा  दिल का कभी अरमान नहीं होता।

कोई न कोई स्वार्थ जरूर देखती है ये दुनिया 
खामखा कोई किसी पर महरबान नहीं होता।

सच्चे मन से जो करते रहते दूसरों का भला
उनका बेकार कभी कोई अहसान नहीं होता।

नफरतों का परिणाम होता है बड़ा ही घातक
मुसीबतों में भी कोई उनके दरमियाँ नहीं होता।

जीने को जीते रहते हैं वो भी अपनी जिन्दगी
जिन्हें कभी नसीब जमीं आसमान नहीं होता।

मंगलवार, 5 मई 2009

तेरा गरूर तुझको मिटा देगा


तेरा गरूर तुझको मिटा देगा।
जो नहीं देखा वो दिखा देगा॥ 

हैवान की जगह इंसान बनो 
गुलदस्ते की तरह खिला देगा।  

गैरों से सबक ले बदला न ले 
सबक शान्ति,बदला सजा देगा।

तू इन्सान ही बन खुदा न बन
तुझे हर एक जगह जमा देगा।

उसकी मार दिखायी नहीं देती 
उससे डर नहीं तो वो डरा देगा।

तू कुछ भी नहीं है उसके आगे
पहले झुक नहीं तो झुका देगा।

अपने प्रभु की पूजा किया कर
वो तुझे सब कुछ ही दिला देगा।

शनिवार, 2 मई 2009

हम दम कोई मिला नहीं


हम दम कोई मिला नहीं।
                  फिर भी कोई गिला नहीं। 

महक जाता गुलशन मेरा
                पर फूल कोई खिला नहीं।

सिमट के रह गया ख़ुद में 
             कहीं पाया कोई सिला नहीं।

कैसे निभाते बतलाएं जरा 
                  खुदी से कोई हिला नहीं।

आज की शाम चलो मेरे संग ना


आज की शाम चलो मेरे संग ना।
   खा पी कर के लगो मेरे अंग ना॥

झूमेंगे गायेंगे मस्ती मनाएंगे
    जहाँ भी कहोगे वहीं घुमाएंगे
वादा रहा करूंगा तुझको तंग ना॥

आंखों में अपनी आँखें होगी 
         बाँहों में अपनी बाहें होगी  
प्यार के सिवा होगी कोई जंग ना॥

तेरा असर ऐसा कहूँ कैसा
    तेरे आगे क्या रूपया पैसा
 तेरे सिवा मुझपे चढ़े कोई रंग ना॥ 

तुझसे ही है जीवन मेरा
        सब कुछ मेरा अब है तेरा 
 हो न जुदा कभी तेरा मेरा ढंग ना