tag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post1667877543046548894..comments2023-08-09T19:31:19.116+05:30Comments on "मेरी पुस्तक - प्रकाशित रचनाएँ : प्रेम फ़र्रुखाबादी": गर तुम मुझको मिल गये होतेPrem Farukhabadihttp://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-62145311276353018822010-08-18T17:21:31.363+05:302010-08-18T17:21:31.363+05:30कमाल की होती मुहब्बत अपनी
देखते लोग तो वो हिल गये ...कमाल की होती मुहब्बत अपनी<br />देखते लोग तो वो हिल गये होते। ..<br /><br />वाह .. क्या बात है ......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-83120327320652386422010-08-15T18:10:01.993+05:302010-08-15T18:10:01.993+05:30बढ़िया!
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके पर...बढ़िया!<br /><br />स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.<br /><br />सादर<br /><br />समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-32934640634573392572010-08-15T14:11:39.857+05:302010-08-15T14:11:39.857+05:30हा तो यही बात आज़ादी के लिए कहते हैं । काश कि तुम म...हा तो यही बात आज़ादी के लिए कहते हैं । काश कि तुम मिल गई होती । स्वतंत्रता दिवस की बधाई ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com