रविवार, 10 अक्तूबर 2010

भरोसा कर देख लिया हर कोई झूठा है


भरोसा कर देख लिया हर कोई झूठा है।
            भरोसे में लेकर मुझे हर कोई लूटा है॥

लोग कहते हैं कुछ मगर करते हैं कुछ
           इसलिए हर किसी से हर कोई रूठा है।

देने की जगह सब लेने पर तुले हुए
          इसी वजह आज रिश्ता हर कोई टूटा है।

अच्छाई की जगह पर बुराई कायम हो गयी
          तभी तो अपनों से हर कोई छूटा है।