बुधवार, 10 मार्च 2010

तेरी यादों में खोया करुँ


तेरी यादों में खोया करुँ',
तेरे ख्वाबों में सोया करुँ
जुदाई में तेरे प्यार में,
अपनी आँखें भिगोया करुँ

लोग समझाते हैं जिस तरह,
सुकूंन मिलता नहीं उस तरह
समझ में कुछ भी आता नहीं
खुदको समझाऊँ किस तरह 
तुझको खुद में पिरोया करुँ,
तेरी यादों में खोया करुँ।

एक दिन तो बनोगी मेरी तुम
इसी चाह में रहता हूँ गुमसुम
वो दिन खुशी का दिन होगा 
जिस दिन समझोगी मेरा मरम
खुदको मैं खुद में ढोया करुँ,
तेरी यादों में खोया करुँ।

जन्मों का रिश्ता है अपना
पास आओ नहीं दूर अब रहना
हर बात तेरी सुनूंगा दिल से 
कहना जो भी तुम्हें हो कहना 
तड़प कर तन्हाई में रोया करुँ,
तेरी यादों में खोया करुँ।