मंगलवार, 1 सितंबर 2009

जीवन में तुमसे ही हैं फूल झरे


जीवन में तुमसे ही हैं फूल झरे।
सूरत तेरी आँखों से टारे न टरे॥

कहाँ छुप गए कह कर मिलेंगे 
दिल कब से तेरा इंतज़ार करे।

साथ तेरे जो देखे हैं ख्वाब मैंने
ऐसा न हो रह जायें धरे के धरे।

बिन तेरे कैसे होगा जीना मेरा
तेरे बगैर जिन्दगी तारे न तरे।

दुनिया मेरी रंगीन है तुमसे ही
जिन्दगी लगे ही न तुमसे परे।

मेरे सामने ही रहा करो जानम
तेरी दूरियों से दिल बहुत डरे।