शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

गरीबी नहीं मिट रही तो क्या गरीब तो मिट रहे हैं


गरीबी नहीं मिट रही तो क्या गरीब तो मिट रहे हैं।
         जो नहीं मिटे वो जिंदगी में जैसे तैसे घिसट रहे हैं॥

राज नेता जो कहते अक्सर वो किया नहीं करते
        मगर गरीबी पर बयान देकर वो हमेशा हिट रहे हैं॥

गरीबों पर रहम दिखाया गया पर किया नहीं गया
      सदियों से ही पिटते आए और आज भी पिट रहे हैं॥

कहना कुछ करना कुछ यही फंडा है राजनीति का
       नेता यही फंडा अपना कर मकसदों में फिट रहे हैं॥