tag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post4712635638964529089..comments2023-08-09T19:31:19.116+05:30Comments on "मेरी पुस्तक - प्रकाशित रचनाएँ : प्रेम फ़र्रुखाबादी": आज कल लोग दोस्ती कम दुश्मनी जादा निभाते हैंPrem Farukhabadihttp://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-75703967921379838112010-02-06T17:54:35.388+05:302010-02-06T17:54:35.388+05:30प्रेम जी
दिखावे से कभी दूर तक निभा नहीं करते हैं ...प्रेम जी <br />दिखावे से कभी दूर तक निभा नहीं करते हैं रिश्ते<br />रिश्ते निभते हैं उनके जो रिश्ते दिल से निभाते हैं।<br />बहुत अच्छी रचना...Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-33748644804012034122010-02-06T17:53:28.131+05:302010-02-06T17:53:28.131+05:30प्रेम जी
दिखावे से कभी दूर तक निभा नहीं करते हैं ...प्रेम जी <br />दिखावे से कभी दूर तक निभा नहीं करते हैं रिश्ते<br />रिश्ते निभते हैं उनके जो रिश्ते दिल से निभाते हैं।<br />बहुत अच्छी रचना...Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-61027369292516200292010-02-06T15:43:28.641+05:302010-02-06T15:43:28.641+05:30बहुत सुन्दर परिकल्पना झलकती है इस रचना में!बहुत सुन्दर परिकल्पना झलकती है इस रचना में!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-66035536132683585302010-02-05T16:03:54.063+05:302010-02-05T16:03:54.063+05:30प्रेम साहब
हर बार की तरह इस बार भी जोरदार प्रस्तु...प्रेम साहब <br />हर बार की तरह इस बार भी जोरदार प्रस्तुति <br />आभार ..............Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-54651032331331832582010-02-04T19:10:40.761+05:302010-02-04T19:10:40.761+05:30दिल से दिल मिल जाएँ किसी से ये जरूरी तो नहीं
आगे व...दिल से दिल मिल जाएँ किसी से ये जरूरी तो नहीं<br />आगे वही बढ़ते जाते जो हाथों से हाथ मिलाते हैं।<br /><br />बदतमीजी करते हुए नजर आते जो हमेशा गैरों से<br />वो दूसरों को मिटा कर एक दिन खुदको मिटाते हैं।<br />Is se zyada sachhayee aur kahan dikhagi?kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-34043528117251517032010-02-04T18:48:20.829+05:302010-02-04T18:48:20.829+05:30behatareen.behatareen.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-16478588398967108852010-02-04T16:13:22.620+05:302010-02-04T16:13:22.620+05:30मजाल क्या कोई सहारा दे किसी को उठने के लिए
मौका मि...मजाल क्या कोई सहारा दे किसी को उठने के लिए<br />मौका मिलते ही लोग गैरों को टांग खीच गिराते हैं ....<br /><br />JAMAANE KI HAKEEKAT HAI PREM JI ..... POORI RACHNA LAJAWAAB HAI .......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-71386517307881696432010-02-04T09:41:13.606+05:302010-02-04T09:41:13.606+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-87191599782700533532010-02-04T09:20:01.095+05:302010-02-04T09:20:01.095+05:30बदतमीजी करते हुए नजर आते जो हमेशा गैरों से
वो दूसर...बदतमीजी करते हुए नजर आते जो हमेशा गैरों से<br />वो दूसरों को मिटा कर एक दिन खुदको मिटाते हैं वाह सही बात है ।<br /> आपकी पूरी रचना बहुत अच्छी लगी धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1114665494203186588.post-66174946864197276272010-02-04T09:07:56.971+05:302010-02-04T09:07:56.971+05:30प्यार से ही जहाँ में जी जा सकती है जिन्दगी यारो
जो...प्यार से ही जहाँ में जी जा सकती है जिन्दगी यारो<br />जो ये जानते वही जिन्दगी को प्यार से जी पाते हैं<br /><br />-बहुत सही!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com