तुमसे मेरी आँखें क्या चार हो गयीं।
खुशियाँ जीवन में बेशुमार हो गयीं।
मिलते मिलते आखिर मिल ही गये
जिन्दगीं दोनों की मजेदार हो गयीं।
धरी रह गयीं चालें सारी ज़माने की
कोशिशें अपनी सफल यार हो गयीं।
मुहब्बत से जियेंगे सदा खुश रहेंगे
तेरी बाहें मेरे गले की हार हो गयीं।