शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

तू जाता जहाँ जा दीवाने,

तू जाता जहाँ जा दीवाने,
देख मुझे तू मत गा गाने
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने

अबला न समझ मुझे तू
तेरा तबला बजा दूँगी मैं
याद रखेगा सारी उमर,
ऐसी तुझे सजा दूँगी मैं
भूल कर भी किसी को
छेड़ेगा न जाने अनजाने। 
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने। 

हरकतों से तेरी लग रहा,
अच्छे घर का लगता नहीं
अगर होता तो इस तरह,
छेड़कानी तू करता नहीं
जा भाग यहाँ से नहीं तो
नहीं आयेगा कोई बचाने।
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने।

जवानी नहीं तेरे बस में,
जा शादी किसी से कर ले
जा किसी का हो जा ना
हमसफ़र उसको कर ले
गर दुबारा इधर आया तो,
सीधा पहुँचा दूँगी थाने।
सिर्फ दो ही मिनट लगेंगे,
होश कर दूँगी तेरे ठिकाने।







5 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा ! नारियों को जागरूक करती रचना ।
    बढ़िया है प्रेम भाई ।

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  2. बहुत मजेदार...हा..हा..हा.,.कभी 'शब्द-सृजन की ओर' पर भी आयें...

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  3. दो मिनट का जवाब नहीं.......अति सुन्दर।
    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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  4. अबला ना समझ तू मुझे, तेरा तबला बजा दूँगी मैं
    याद रखेगा सारी उमर, ऐसी तुझको सजा दूँगी मैं ..

    मजेदार .. आज की नारी होगी ...

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