शनिवार, 26 जून 2010

उसका हर दिल पर जादू चला जरूर होगा

उसका हर दिल पर जादू चला जरूर होगा।
         पाने को हर कोई दिल में जला जरूर होगा।

भला सोचके जो सबका भला सोचता फिरता
       निश्चय ही उसका एक दिन भला जरूर होगा।

खुश वो ही होगा किसी को नज़रों में गिराके
      जो खुद गिर कर कहीं हाथ मला जरूर होगा।

जिन्दगी का मजा अकेले आ ही नहीं सकता
    थोड़ा तो किसी के संग कहीं ढला जरूर होगा।

बिना खुद जले ही भला कौन किसे जला पाया
     जलने से पूर्व वो थोड़ा बहुत जला जरूर होगा।

6 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेरणादायी पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें।
    -डॉ० डंडा लखनवी

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  2. वाह , वाह ! सुन्दर सार्थक ग़ज़ल ।
    तीसरे शेर में --मला ज़रूर होगा --कर लें ।

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  3. जिन्दगी का मजा अकेले आ ही नहीं सकता
    थोड़ा तो किसी के संग कहीं ढला जरूर होगा।
    बहुत सुन्दर रचना

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  4. भला सोचके जो सबका भला सोचता फिरता
    निश्चय ही उसका एक दिन भला जरूर होगा।

    बहुत सुन्दर !

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  5. जिंदगी में उसे सब कुछ यूं ही नहीं मिला
    ठोकरें खाकर वो आगे चला जरूर होगा।

    वह खूब प्रेम जी, यूं ही लिख दिया है। अच्छा न लगे तो बुरा मत मानिएगा।

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  6. बिना खुद जले ही भला कौन किसे जला पाया
    जलने से पूर्व वो थोड़ा बहुत जला जरूर होगा।

    सुन्दर ग़ज़ल....बहुत खूब लिखा है आप ने ।

    बधाई ।

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