बुधवार, 9 सितंबर 2009

कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है


कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है।

जिसके पास जो होता वो वही बाँटता है॥

अँधेरों में जीना भी कोई जीना है दोस्त
जीना उसका जीना जो रोशनी बाँटता है।

दुष्ट तो
 किसी की भी ले सकता है जान 
पर सज्जन हमेशा ही जिन्दगी बाँटता है।

किसी को रुलाये वो बात 
किस काम की 
उसको सराहो जो सबको हँसी बाँटता है।

बुझदिल लोग ही जिया करते हैं उदासी में
दिलदार 
वो जो सबको ताजगी बाँटता है।

12 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह !

    क्या बात है !

    तरोताजा हो गए गजल पढ़कर !

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  2. बुझदिल लोग जिया करते हैं उदासियों में
    दिलदार वही जो सबको ताजगी बाँटता है।
    वाह क्या बात कही है आपने...

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  3. बुझदिल लोग जिया करते हैं उदासियों में
    दिलदार वही जो सबको ताजगी बाँटता है।
    वाह क्या बात कही है आपने...

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  4. उसका जीना जीना जो रोशनी बाँटता है।
    ज़िन्दगी और जीवन को आईना दिखाती रचना अच्छी लगी

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  5. किसी को रुलादे ऐसा गम किस काम का
    उसको सराहो जो सब को हँसी बाँटता है।

    बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति, आभार

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  6. कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है।
    जिसके पास जो होता वो वही बाँटता है।

    SACH LIKHA HAI ..... LAJAWAAB RACHNA... DIL MEIN UTAR GAYA YE SHER .....

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  7. 'उसको सराहो जो सब को हँसी बाँटता है।'
    - ताकि दुनिया हंसी खुशी से सराबोर हो जाए.

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  8. आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!

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  9. अर्थपूर्ण ,सकारात्मक सोच के साथ शानदार प्रस्तुति !!!

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