रविवार, 6 सितंबर 2009

माँ की लोरी प्यारी बेटी के लिए

चंदा की चाँदनी जैसी, मेरे घर में तू आयी है
साथ में अपने सारे जहाँ की, खुशियाँ लायी है

मारे खुशी के झूमें, मेरा सारा तन-मन
तुझको पा के ऐसे लगे, धन्य हुआ मेरा जीवन
सूने जीवन में आ के तूने,आशा की ज्योति जलायी है

मेरे मन-मन्दिर में तू , एक प्यारी सी मूरत है
तेरी सूरत में तो मुझको, दिखती अपनी सूरत है
देखके तेरा रूप सलोना, दिल की कली मुसकायी है

जीवन जीवन मेरा पा के तुझसी गुड़िया 
मैं तो कहूँ सबको मिले, तुझसी प्यारी गुड़िया
तेरे आने से जीवन में, खुशहाली सी छायी है

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत प्यारी लोरी है. गेयता भी सुन्दर है.
    बेहतरीन और ---

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर बात कही प्रेम भाई।

    जवाब देंहटाएं
  3. चंदा की चाँदनी जैसी मेरे घर में तू आयी है
    साथ में अपने सारे जहाँ की भरके खुशियाँ लायी है।


    -बढ़िया!!

    जवाब देंहटाएं
  4. धन्य हुआ है जीवन मेरा पाके तुझसी गुड़िया
    मैं तो कहूँ सबको मिले तुझसी प्यारी गुड़िया
    तेरे आने से मेरे सूने घर में खुशहाली सी छायी है।

    दिल के बहुत ही करीब लगा.........शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  5. umda , prem ji , dekhen post men kuchh shabd idhar udhar to nahin ho gaye hain, kuchh kami si khatak rahi hai.

    जवाब देंहटाएं
  6. मातृत्व की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. किसी कवि ने ठीक ही कहा है की जिस घर में बेटी नहीं, वो घर शमशान जैसा है.

    जवाब देंहटाएं
  7. चंदा की चाँदनी जैसी
    मेरे घर में तू आयी है
    साथ में अपने सारे जहाँ की
    भरके खुशियाँ लायी है।

    बहुत सुन्दर!
    बढ़िया लोरी है।
    बधाई!

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रेमनारायण जी,

    प्यारी सी गुड़िया के लिये प्यार / दुलार भरी लोरी मन के बहुत भायी।

    आप तो वैसे भी स्थापित गीतकार हैं तो रस को घोल बहुत ही खूबी से जानते हैं।

    सादर,


    मुकेश कुमार तिवारी

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही मधुर लोरी ......इक माँ के मन के भाव बखूबी उकेरे आपने प्रेम जी

    विषय भी थोडा हट कर चुना :)

    साधुवाद !!

    जवाब देंहटाएं
  10. आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!

    जवाब देंहटाएं