सोमवार, 24 अगस्त 2009

मेरे भोले बाबा सुन लो, मन की पुकार को


मेरे भोले बाबा सुन लो, मन की पुकार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को

ठुकराया है दुनिया ने, देकर खूब भरोसा
अब न खाने वाला, इस दुनिया से धोखा
करो कृपा न भूलूँ मैं, तेरे इस उपकार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।

जीवन बन गया भोले, सचमुच एक पहेली
जाने कब सुलझेगी, मेरे जीवन की पहेली
राह दिखाना भोले, अपने भक्त लाचार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।

तेरे सिवा न कोई है, जिसको कहूँ मैं अपना
लगता
होगा पूरा न , जो भी देखा है सपना
तुम्ही जानो कैसे, मिलेगा चैन बेकरार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।

7 टिप्‍पणियां:

  1. Bhakti Bhav Se Paripurn Bhole Baba ki Prarthana..

    Vinati se bhari kavita achchi lagi..

    Bhole baba ki jay..

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  2. अच्छी प्रार्थना है.

    जय हो।!

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  3. सच है, प्रभु के चरणों में ही सच्चा सुख और शांति मिलती है.
    अच्छी अभिव्यक्ति.

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  4. आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!

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