दिल से टकराती है जब तेरी याद आती है।
दिल को तड़पाती है जब तेरी याद आतीहै॥
छाया हुआ है अँधेरा दिखता नहीं है सवेरा
तबियत घबराती है जब तेरी याद आती है।
दिल है भारी-भारी झूठ नहीं कसम तुम्हारी
दिल को तरसाती है जब तेरी याद आती है।
देख रहा हूँ तेरी राहें फैला कर अपनी बाहें
साँस आती जाती है जब तेरी याद आती है।
bahut achhi rachnaa
जवाब देंहटाएंbahut badhaai !
छाया हुआ है अँधेरा दिखता नहीं है सवेरा
तबियत घबराती है जब तेरी याद आती है।
waah !
बहुत ही सुन्दर रचना आभार्
जवाब देंहटाएंमेरी साँसें रूक जाती है।
जवाब देंहटाएंजब याद तुम्हारी आती है।
बहुत बढ़िया।
बहुत सु्दर रचना।
जवाब देंहटाएंसाँस आती जाती है जब तेरी याद आती है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
छाया हुआ है अँधेरा दिखता नहीं है सवेरा
जवाब देंहटाएंतबियत घबराती है जब तेरी याद आती है।
Prem ki ati sundar abhivyakti..
badhayi..
देख रहा हूँ तेरी राहें फैला कर अपनी बाहें
जवाब देंहटाएंसाँस आती जाती है जब तेरी याद आती है
यही तो प्रेम है.......... ऐसा होता है जब ishq लग जाता है
isaq me wo sabhi harakate hoti hai jo aapane wyaan kari hai .......isaq hi to hai .....bahut hi sundar
जवाब देंहटाएंनमस्कार प्रेम जी बहुत ही खूब मेरा प्रणाम स्वीकार करे
जवाब देंहटाएंदेख रहा हूँ तेरी राहें फैला कर अपनी बाहें
साँस आती जाती है जब तेरी याद आती है।
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
बहुत सुन्दर और सहज अभिव्यक्ति है बधाइ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सहज अभिव्यक्ति है बधाइ
जवाब देंहटाएंअत्यन्त सुन्दर ग़ज़ल
जवाब देंहटाएं---
1. चाँद, बादल और शाम
2. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
जवाब देंहटाएंबहुत रोमांटिक ग़ज़ल कही है प्रेम जी...वाह...बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंनीरज