कोई नहीं है हमारा यहाँ,
है मतलबी यह सारा जहाँ।
जिसने हमने अपना बनाया,
समझा उसने पराया यहाँ॥
कहने को हैं रिश्ते नाते,
होते तब तक जब तक खाते
मानो या न मानो कोई ,
खब्बुओं का है यह मारा जहाँ।
बेदर्दों की यह दुनिया है,
दुनिया भी क्या यह दुनिया है
जब भी देखा आजमा कर
मिलता नहीं है सहारा यहाँ।
अपनी न होगी दुनिया कभी,
चाहे मिटा दो ये जिन्दगी
कहते भी कुछ भी बने न
जीवन बड़ा ही बेचारा यहाँ।
कोई नहीं है हमारा यहाँ ,
जवाब देंहटाएंहै मतलबी यह सारा जहाँ।
जिसको हमने अपना बनाया,
समझा उसने पराया यहाँ।
सही कहा है।
कहने को सब रिश्ते नाते,
जवाब देंहटाएंहोते तब तक जब तक खाते
मानो या न मानो कोई यह,
खाब्बुओं का है मारा जहाँ
बिलकुल सही आभिव्यक्ति है आभार्
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति आभार्
जवाब देंहटाएंबेदर्दों की यह दुनिया है,
जवाब देंहटाएंदुनिया भी क्या यह दुनिया है
बहुत बढिया प्रेम जी दुनिया का सच यही है.
sahi jiwan yaha hai bechara .....bahut hi sundar nazam atisundar
जवाब देंहटाएंDil se nikli huyi rachna hai, Badhaayi swikaaren.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
vaah-bahut sundr.
जवाब देंहटाएंsach kaha.........ye duniya kisi ki nhi hai chahe kuch bhi kar lo khud ko mita do chahe...........bahut khoob.
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